Kanchan Prabha

Inspirational

4.7  

Kanchan Prabha

Inspirational

प्रदूषण

प्रदूषण

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फैल रहा जो आज

जहाँ में इतना प्रदूषण

मानव समझ रहा नहीं

स्वच्छ भारत का डिफिनीशन 

देता है मानव ही इनको

हमेशा इनविटेशन 

क्या फायदा ले कर 

मानव को इतना एजुकेशन

फैल रहा जो आज

जहाँ में इतना प्रदूषण

बिजली माईक से करता है 

अपने घर का डेकोरेशन 

और कर रहा रोज रोज

खुश हो हो कर सेलिब्रेशन 

मानव समझ नहीं रहा है 

भविष्य का कंडीशन 

फैल रहा जो आज

जहाँ में इतना प्रदूषण

बढ़ा रहा है हर साल

इस जग का पापुलेशन 

ले लो धरा के मानव 

अब तो थोड़ा अटेन्सशन

देना ना पड़ जाये

दूजे दुनिया में एक्शप्लानेशन

फैल रहा जो आज

जहाँ में इतना प्रदूषण!


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