Om Prakash Fulara
Abstract
जाओ जाग लाल अब मेरे
पूरब में सजती है लोई।
भोर सुहानी छटा बिखेरे,
सरपट भागी रजनी सोई।
खगकुल ने है राग सुनाया,
जन जन हिय उल्लास है छाया।
नव कुसुमन ने धरा सजाई,
स्वर्ग उतर धरती पर आया।
आँधी
गजल
पतझड़
वात्सल्य
संघर्ष
हिंदी
नारी
चम्पकमाला छन्...
डरो ना
आत्मचिंतन
विकास, विकास और विकास की चर्चाओं को विराम दीजिए। विकास, विकास और विकास की चर्चाओं को विराम दीजिए।
कौन रक्खे प्यार अपने के लिए ! लड़ रहे है लोग पैसे के लिए ! कौन रक्खे प्यार अपने के लिए ! लड़ रहे है लोग पैसे के लिए !
रावण के राज में का खईबा पराठा। त रामे क बरखा ह रामे क छाता।। रावण के राज में का खईबा पराठा। त रामे क बरखा ह रामे क छाता।।
जीवन नीरस तपता वैविध्य में प्रकृति मानो विधवा हो गयी है। जीवन नीरस तपता वैविध्य में प्रकृति मानो विधवा हो गयी है।
उम्मीद हाथ से छुटती दिखे ढल रहे हो समझना मत समझना फिरसे उग रहे हो ! उम्मीद हाथ से छुटती दिखे ढल रहे हो समझना मत समझना फिरसे उग रहे हो !
मुस्कुराना है अगर जीवन के हर हिस्से में शुरुआत अभी करो, जरा मुस्कुरा तो दो। मुस्कुराना है अगर जीवन के हर हिस्से में शुरुआत अभी करो, जरा मुस्कुरा तो दो।
उसका दर्द हल्का करती रही अपना कर्म करती रही, बांसुरी बजती रही। उसका दर्द हल्का करती रही अपना कर्म करती रही, बांसुरी बजती रही।
ज़मीं मैंने संभाली है आसमाँ मैने उठा रखा है। ज़मीं मैंने संभाली है आसमाँ मैने उठा रखा है।
डरा नहीं किसी मुगलपुत से हल्दीघाटी का आभारी था। डरा नहीं किसी मुगलपुत से हल्दीघाटी का आभारी था।
अंत में पनाह मांगते, गिड़गिड़ाते हैं इजाजत पर इजाजत माँगते हैं। अंत में पनाह मांगते, गिड़गिड़ाते हैं इजाजत पर इजाजत माँगते हैं।
जिंदगी मौके देती है सुबह उम्मीद देती है जिंदगी की सुबह को बदलते हैं जिंदगी मौके देती है सुबह उम्मीद देती है जिंदगी की सुबह को बदलते हैं
यहाँ कहने से पहले हज़ार बार सोचना पड़ता है। यहाँ कहने से पहले हज़ार बार सोचना पड़ता है।
रूठना मनाना रूठना मनाना
अब हुआ हमको अफसोस, घर जो छोड़ा अपना। अब हुआ हमको अफसोस, घर जो छोड़ा अपना।
कौरव के प्रतिकूल बह चली रण डाकिनी ह्रदय प्रमाथी। कौरव के प्रतिकूल बह चली रण डाकिनी ह्रदय प्रमाथी।
रास्ते तमाम बंद से लगने लगे थे, सूझ रहा था नहीं कोई किनारा। रास्ते तमाम बंद से लगने लगे थे, सूझ रहा था नहीं कोई किनारा।
मन के हर एक एहसास से। यह एक अनोखी-सी बूँद। मन के हर एक एहसास से। यह एक अनोखी-सी बूँद।
दर्द में तसल्ली तो देते हैं मगर दर्द की तदबीर(solution) नहीं करते दर्द में तसल्ली तो देते हैं मगर दर्द की तदबीर(solution) नहीं करते
अवसर बड़ी ही कीमती चीज है जिसने समझा, और स्वागत किया वो खुशहाल हो गया, अवसर बड़ी ही कीमती चीज है जिसने समझा, और स्वागत किया वो खुशहाल हो गया,
विचारों का ज्वार भी जब उठता है दिल में तब बेहिसाब तबाही के निशां छोड़ जाते हैं विचारों का ज्वार भी जब उठता है दिल में तब बेहिसाब तबाही के निशां छोड़ जाते ह...