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Rekha Shukla

Abstract

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Rekha Shukla

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प्रार्थना

प्रार्थना

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कोइ रात पूनम तो कोइ रात अमावस,

चांदनी उसी की जो चांद पाना सीख ले..


यूँ तो सभी आये है रोते हुये जहान में,

पर सारा जहां है उसका जो मुस्कुराना सीख ले..


कुछ भी नजर ना आये अंधेरों मे रह कर,

रोशनी उसी की जो शमा जलाना सीख ले,


हर गली मे मंदिर, हर राह मे मस्जिद है,

पर प्रभु है उसका जो सर झुकाना सीख ले..


हर सीने मे दिल, हर दिल मे प्यार है,

प्यार मिलता है उस को, जो दिल लगाना सीख ले..


लोगों का काफिला उसी के साथ होता है,

जो सच्चे दिल से रिश्ते निभाना सीख ले..


खुशी की तलाश मे झिंदगी गुजर जाती है,

पर खुशियां उन्हे मिलती है जो दूसरे के गम मिटाना सीख ले...।



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