STORYMIRROR

मिली साहा

Abstract

4.5  

मिली साहा

Abstract

पंचम नवरात्र - स्कंदमाता पूजन

पंचम नवरात्र - स्कंदमाता पूजन

1 min
364


स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है मांँ जगदम्बा का पंचम रूप।

चार भुजाओं वाली माँ मातृस्वरूपिणी देवी का दिव्य है स्वरूप।।

स्कंद कुमार कार्तिकेय पुत्र थे, मांँ पार्वती और भगवान शिव के।

माता पार्वती का स्कंदमाता नाम पड़ा स्कंद कुमार कार्तिकेय से।।

सिंहवाहिनी माँ कर कमल सुशोभित, लिए गोद में स्कंद कुमार।

ममतामई रूप झलक रहा, स्कंदमाता करती भक्तों का उद्धार।।

पर्वतों पर निवास करती माता, सब जीवों को नव चेतना देती है।

मूढ भी ज्ञानी बन जाता, स्कंदमाता भक्तों को ऐसा वर देती है।।

प्राप्ति होती अलौकिक तेज की जो भी एकाग्रभाव से ध्यान करे।

सुख शांति समृद्धि प्रदायिनी स्कंदमाता भक्तों की मुरादें पूरी करे।।

मोक्ष का मार्ग सुलभ कराती माता, दुःख संताप सारे हर लेती है।

सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी स्कंदमाता सबका कल्याण करती है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract