पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
प्रिय डायरी लेखन के क्रम में
24 अप्रैल 2020,दिन शुक्रवार,
पंचायती राज दिवस के अवसर पर
दिल प्रकट करना चाहता है अपने उद्गार।
भारत पावन भूमि है
दुष्यंत-शकुंतला के सुत की,
जन्मस्थली और कर्मस्थली है
महाराज भरत की।
इसकी कल्याणकारी लोक हितैषी
रीतियों पर है हमको नाज,
वीडियो कांफ्रेंसिंग से गया
मनाया पंचायती राज दिवस आज।
आज वैश्विक कोरोना विपदा के चलते,
संभव नहीं था सीधा संवाद,
पंचायत और प्रधान सेवक को जोड़ा गया,
शक्ति थी तकनीकी ईजाद।
काम और विचार किए थे साझा,
संकल्प- शक्ति को किया गया याद,
आत्मनिर्भर- सशक्त पंचायत बने तभी तो,
भारत मां हो पाएगी आबाद।
सामाजिक दूरी का दो गज फार्मूला,
सभी गांवों में था रखा गया याद,
औरों को जगाया घर-घर अलख जगाई,
दिलाया गया सबको ही याद।
कोरोना योद्धा बने उन्हीं के बीच से,
भगाया सबके मन से ही अवसाद,
स्वयं सेवा हित की स्वयं प्रभावी व्यवस्था,
करने गए न कहीं फरियाद।
जीवनदायी है उत्पाद गांव के,
किसी का भी इनके बिन नहीं गुजारा है,
सशक्त गांव हैं भण्डार शक्ति के,
जिन पर आधारित सब देश हमारा है।
परिश्रमी हर एक लाल मात का,
वही तो इस आर्य भूमि का बड़ा सहारा है,
सशक्त भारत करेगा परास्त"कोरोना"
ऐसा ही एक दृढ़ संकल्प हमारा है।