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Pushp Lata Sharma

Inspirational

4.7  

Pushp Lata Sharma

Inspirational

पिताजी

पिताजी

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228


सुख का दें संसार पिताजी ,जीवन के

आधार पिताजी 

पेड़ों जैसी छाया देते देते बाग़ -

बहार पिताजी 

पीड़ायें पल में हर लेते मन के मीत 

करार पिताजी 

चंदा तारे झोली में नित रिमझिम दिये

फुहार पिताजी 

ऊँचे नभ उड़ना सिखलाये कोमल पंख

पसार पिताजी 

माँ ममता का अगर समुंदर तो खुशियों की

धार पिताजी 

चुपके चुपके खामोशी से उठा गये हर

भार पिताजी 

 है परिवार माल मणियों की रेशम का हैं

तार पिताजी 

रब से यही प्रार्थना मेरीयहीं मिलें

हरबार पिताजी 

काँटों को राहों से चुनकर "पुष्प" गुच्छ,

दें हार पिताजी। 


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