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Anita Chandrakar

Inspirational

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Anita Chandrakar

Inspirational

पिता

पिता

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उनकी उँगली पकड़कर ही, सीखा हमने चलना।

मज़बूत इरादों ने ही सिखाया, गिरकर सम्हलना।

पिता की छाँव में पलकर, सीखा हमने शिष्टाचार।

उम्मीद का दीया जलाकर, भर दिए साहस अपार।

पाई पाई जोड़कर, किये हमारे जीवन का उद्धार।

अनुभव के मोती से, दिए अनुशासन और संस्कार।

उनके मार्गदर्शन में ही, सीखा मुसीबतों से लड़ना।

सागर सी गहराई उनमें, सिखाया हमें प्रेम बाँटना।

जीवन मूल्य का पाठ पढ़ा, बने रहे नैया के पतवार।

काटकर पेट अपना वे, किये हमारा सपना साकार।

उनका काँधा सब सहता रहा, बने रहे सुदृढ़ आधार।

कुटुम्ब प्रहरी सम पैनी नज़र, पिता होते जिम्मेदार।

बाहर से कठोर श्रीफल सा, भीतर भावों का झरना।

सिर पर हाथ रहे सदा, हे प्रभू उनको दूर न करना।


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