पिता का क्या एक दिन ही है होता
पिता का क्या एक दिन ही है होता
जिसकी ऊँगली पकड़ के तू चलना है सीखता,
जिसका खून तेरे नस नस में है बहता,
जिसके रोम रोम में तू ही है बसता,
उस पिता का क्या एक दिन ही है होता !
माँ अगर होती है जन्म दाता,
तो जीवन का आधार होता है पिता,
जिसका क़र्ज़ जो चाहके भी कभी चूका ना पाता,
उस पिता का क्या एक दिन ही है होता !
माँ की तरह अक्सर कोई पिता को प्यार जता ना पाता,
पर खुश नसीब है वो जिसके पास पिता है होता,
जिस पिता से ही तेरा हर दिन शुरू है होता,
उस पिता का क्या एक दिन ही है होता !
