घर एक स्वर्ग
घर एक स्वर्ग
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दुनिया का हर ख़ुशी मुझे जहाँ है मिलता,
जहाँ कभी खुद को अकेला महसूस मैं ना करता,
हर कोई सुख में साथ है हँसता और दुःख में है रोता,
जहां मेरा पूरा परिवार है रहता,
उस स्वर्ग को मैं अपना घर हूं कहता।
ईंट और पत्थर से तो मकान ही है बनता,
अपनों का प्यार ही उसे घर है बनता,
न जाने कितने यादें यहां है जुड़ जाता,
चाहे जितना दूर क्यों न रहूँ उसको
मैं कभी भुला ना पाता,
इस स्वर्ग को मैं अपना घर हूं कहता।
