कल्पना रामानी

Inspirational

5.0  

कल्पना रामानी

Inspirational

फूलों से खुश्बू लेकर

फूलों से खुश्बू लेकर

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फूलों से खुशबू लेकर, खिलने का वादा।

खुद से कर लो जीवन भर, हँसने का वादा।

 

 बन आँसू बोझिल हो पलकें, अगर तुम्हारी

 बुझे पलों से करो पुलक, बनने का वादा।

 

करना होगा अगम जलधि की, जलधारा से

मझधारा में कभी नहीं, फँसने का वादा।

 

चलते-चलते पाँव फिसलने, लगते हों यदि

करो उस जगह कभी न पग, धरने का वादा।

 

आँख दिखाती जीवन-पथ की, चट्टानों से 

 चूर चूर कर हो आगे, बढ़ने का वादा।

 

टूटे यह अनुबंध तुम्हारा, कभी न खुद से

वादों पर हो सदा अडिग, चलने का वादा।

 

फिर-फिर मिलता नहीं “कल्पना” मानव-जीवन

मन से हो इंसान बने, रहने का वादा। 


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