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Reena Devi

Inspirational

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Reena Devi

Inspirational

फ़रिश्ते

फ़रिश्ते

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विपदा में सहसा मुझे फ़रिश्ते मिल गए

फटा मानवीय लिबास झट से सि गए


यादें नूरानी चेहरों की मैं भूल नहीं पाती

करके याद वाक़या में नींदों से उठ जाती

जाते जाते मुझे वो इक दिशा दे गए

फटा मानवीय लिबास झट से सि गए


रिश्ता न प्रेम दोस्ती से बड़ा

न था उनसे रक्त संबंध जुड़ा

पर कर मदद मुझे कर्ज़दार कर गए

फटा मानवीय लिबास झट से सि गए


फ़ायदा उठाते मज़बूरी का

मैंने देखे जन अनेक

की थी मदद मेरी जिन्होंने

वे थे ख़ुदा के बंदे नेक

रखकर सिर पे हाथ मुझे आशीष दे गए

फटा मानवीय लिबास झट से सि गए


बयां न हो लफ्ज़ों में ऐसा रिश्ता जोड़ गए

लोगों प्रति मेरी सोच का मुख वो मोड़ गए

हारे हुए मुझे वो जीवन की आस दे गए

फटा मानवीय लिबास झट से सि गए


सभी बुरे नहीं होते मानव नज़र जरा दौड़ाओ

द्वेष भावना मन जो है इसको जरा मिटाओ

वैर भाव मिटा दिल का उसमे प्रेम भर गए

फटा मानवीय लिबास झट से सि गए



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