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Maan Singh Suthar

Inspirational

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Maan Singh Suthar

Inspirational

संस्कारवान बनो

संस्कारवान बनो

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संस्कार वो स्तंभ है जो संस्कृति को आधार देता है

पुरातनता के साथ साथ आधुनिकता को नवाचार देता है। 


वेद पुराण कभी प्रासंगिकता नही खोते ,सजीव है सत्य है

संस्कार ही हर सभ्यता को एक अलग पहचान और नव विचार देता है। 


संस्कार विहीन मनुष्य पशुवत माना जाए तो अतिशयोक्ति नही

संस्कार ही मनुष्य को मनुष्य होने और मनुष्यता की पहचान देता है। 

 

आधुनिकता भी आवश्यक है ,पर संस्कार विहीन न हो तो अच्छा है

लाख वृक्ष फलित हो पर जड़े ही वृक्ष को जीवन आधार देता है। 


संस्कार हमारी जड़े है आधार है ,बिन आधार विनाश है

वीर्यवान बनो ,संस्कारवान बनो संस्कार ही पहचान देता है।


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