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Sudhir Srivastava

Inspirational

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Sudhir Srivastava

Inspirational

देहदान कीजिए

देहदान कीजिए

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आइए! इस नश्वर शरीर का

अंतिम उपयोग करते हैं,

नेत्रदान, देहदान करते हैं।

इस संसार, समाज ने हमें

क्या कुछ नहीं दिया,

तो हम भी समाज को कुछ देते हैं,

निष्प्राण शरीर का कुछ उपयोग करते हैं।

जीवन में अच्छा बुरा जो भी किया

कुछ फर्क नहीं पड़ता,

कम से कम जीते जी ही

मरने के बाद का इंतजाम कीजिए

नेत्रदान, अंगदान, देहदान कीजिए।

क्या मिलेगा जलने, दफन होने से

जीते जी नहीं मरने के बाद ही सही

समाज के लिए भी काम कीजिए।

मरते तो सभी हैं दुनिया में

आप तो मरकर भी जीने का सम्मान लीजिए।

दकियानूसी विचारों से बाहर निकलिए

मोक्ष मिलता भी है या नहीं

हमें मिलेगा भी या नहीं

बेकार के प्रश्नों में न उलझिए।

अपनी उम्र गुजार दी

जिस समाज, संसार में हमने

उस संसार, समाज के लिए भी

कुछ तो कीजिए,

गुमनामी के साये में जीते रहे उम्र भर

मरकर प्रकाश पाने का काम कीजिए,

कुछ कीजिए या न कीजिए

बस! देहदान, नेत्रदान कीजिए,

किसी के जीवन में खुशियों का

सूत्रधार बन जाने का विचार कीजिए,

मरकर भी जिंदा रह सकें

कुछ तो ऐसा काम कीजिए

आइए! एक आखिरी दान तो कीजिए

कुछ नहीं केवल देहदान तो कीजिए। 



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