फलसफे
फलसफे
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फलसफे जिंदगी के
हम पढ़ते गए
वक्त के साथ साथ
बेरहमी से निखरते गए।
वह समझते रहे यह
खूबसरत कायनात हैं मेरी
दर्द ए जख्म पर
मरहम हम लगाते गए।