पहले प्यार की पहली बारिश !
पहले प्यार की पहली बारिश !
"यूं तो वर्षा बहुत लुभाती है मेरे मन को,
पर एक दिन घने बादलों के साथ मौसम ने जब बदला मिजाज़,
आसमान बरसा और उस बारिश में थी एक मीठी सी सरगम,
"पहले प्यार की पहली बारिश में साथ भीगे थे हम"।।
एक ही छतरी के नीचे जब बारिश से बचने की जद्दोजहद में,
आधे बचते, आधे भीग रहे थे,
चार दोस्त हम
"पहले प्यार की पहली बारिश में साथ भीगे थे हम"।।
प्यार शब्द से थोड़े जाने पहचाने थोड़े अंजान से थे,
अपनी मस्ती में घर वापिस लौट रहे थे,
बचपना था तब, नादान थे हम
"पहले प्यार की पहली बारिश में साथ भीगे थे हम"।।
अनजाने ही उसका हाथ अचानक मेरे हाथ से धीरे से टकराया था,
सच कहूं तो पहली बार न जाने क्यूं मुझ गुस्सैल को गुस्सा बिल्कुल नहीं आया था,
कुछ पलों के लिए वक़्त ठहरा सा लगा, लेकिन फिर तेज़ी से चल पड़ा,
क्यूंकि सर्दी की बरसात में भीगे हुए ठिठुर रहे थे हम
"पहले प्यार की पहली बारिश में साथ भीगे थे हम"।।
ऐसा नहीं कि बारिशें यूं ही पसंद है मुझको,
भीगते हुए हर बार उसे याद करते हुए,
वो पहले प्यार की पहली अनुभूति हर बारिश में ढूंढने लगे थे हम,
"पहले प्यार की पहली बारिश में साथ भीगे थे हम"।।

