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Itishree Parida

Romance Others

4.6  

Itishree Parida

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पहला प्यार

पहला प्यार

1 min
242



जब मेरी शुरू हुई कविता, 

तब दस्तक दी थी दिल में, 

जब मेरी खत्म हुई कविता, 

तब तुम बस गए थे दिल में। 


जब दूसरों के साथ मिलकर हँसते थे तुम, 

तब जलन मुझे होती थी, 

जब किसी और के साथ खेलते थे तुम, 

तब पागलपन मुझ में फैल जाता था।


पता नहीं क्या जादू किया था तुमने, 

इस नादान से दिल में, 

प्यार का मतलब तुमने ही तो सिखाया था, 

इस बेचैन से दिल में।


इस उलझे हुए दिल को तूने ही संभाला था, 

परीक्षा के समय तूने ही संभाला था, 

जब पागल बनकर पागलों की तरह ढूँढ़ती थी तुझे, 

तब गुरु बने तूने ही रास्ता दिखाया था। 


जब पैदा हुआ था हमारे बीच चक्कर, 

तब दिल को तूने ही समझाया था, 

खुद को संभाले, मुझे भी संभाले, 

पता नहीं कैसे तूने इस दुनिया को झेला था। 


शुरू हो गई थी इस दुनिया में खुजली, 

जब हम बात करते थे, 

पर उन्हें यह पता न था कि

असल में हम प्यार करते थे। 














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