पहला प्यार
पहला प्यार
यूँ ही नंगे पैर दौड़ लेता हूँ,
तेरे मुहल्लों की उन गलीयों से,
जहाँ शरमा कर तू बैठी थी,
तिरछी निगाहें कर अखियों से,
वो गलियां तो है पर वो अखियां कहाँ,
यादें तो है पर तेरा शरमाना कहाँ,
वनवास है ये गांव ये कहा था तूने,
राम तो है पर सीता कहाँ...