यादें
यादें
सूना है वो पेड़ जहां झूले थे हम दो,
ख़ाली है वो चबूतरा जहां बैठे थे हम दो,
चेहरे मुझसे भी हैं चेहरे तुझसे भी हैं,
पर वैसा नहीं जिसमें हम ही हम हों।
सूना है वो पेड़ जहां झूले थे हम दो,
ख़ाली है वो चबूतरा जहां बैठे थे हम दो,
चेहरे मुझसे भी हैं चेहरे तुझसे भी हैं,
पर वैसा नहीं जिसमें हम ही हम हों।