फिर भी तुमको चाहूंगा
फिर भी तुमको चाहूंगा
माना..
बेवफा हूँ
तेरे इश्क में
मगर...
याद तो करता हूँ तुझे..
तू सच समझ
या झूठा
हां...
मैं तेरा ही हूँ..
ये खुदा से पूछ
जो दिल दे चुका तुझे...
तू फुरकत हो,
मुझसे..
पर कोई गम नहीं होगा
तू न सही..
पर तेरे दिल से प्यार कर लूँगा
बड़े वादे थे तेरे
जुबां पर सदाकत की बारिशे
तू पूछ किसी से,
कभी कम नहीं किया
तेरी मुहब्बत की ख्वाहिशें..
जो किसी ने नहीं किया
वो हमने कर दिया
फिर भी तूने गलत समझ बैठे
अब तो कसूर मुहब्बत की नहीं
न तेरी..
और न मेरी..
बस गलती तो नजरों की है
जो तुझको अपना,
दिल दे बैठे !