पहेली मत बुझाओ
पहेली मत बुझाओ
ज़रा करीब तो आओ ना,
दिल की सब बातें,
अपनी नज़रों से कह जाओ ना।
हाँ, अभी कल ही की तो बात थी
तुम गली से गुज़रे थे।
कोई देख न ले कहीं ये सोच कर भी,
कुछ देर तो ठहरे थे,सुनो ना।
जो कुछ भी अहसास हैं,
लफ़्ज़ों में बताओ ना।
कह दो सब अपने मन की
यूँ पहेली मत बुझाओ ना।

