फौजी का कर्तव्य और परिवार
फौजी का कर्तव्य और परिवार
जाओ प्रिये,
भारत माँ की पुकार हैं,
माना ख्वाहिशें तुम्हें भी हैं,
ख्वाहिशें मुझे भी हैं,
ख्वाहिशें अजन्मे बालक की भी हैं,
पर रुकना मत तुम,
न कुछ चिंता करना,
बढ़ते जाना तुम,
कर्तव्य से न घबराना,
रणभेदी की आवाज है,
पुकारती माँ भारती आज है,
न रुकना, न घबराना,
कदम बस बढ़ाते जाना,
कर्तव्यवेदी पर चढ़ जाओ,
अश्रुपूरित नयनों से न घबराओ,
विजयी तिलक आज लगाओ,
दुश्मन को जड़ से मिटाओ,
राह तुम्हारी मैं देखूंगी,
शौर्य कथाओं से गर्भ सीचूंगी,
तेरे पदचिन्हों पर ही चलेगा,
बालक माँ भारती के अंक में पलेगा,
भूल हमे, तुम कर्तव्य निभाओ,
देश की रक्षार्थ जाओ,
कर्तव्य की ये पुकार हैं,
माँ भारती का प्यार है,
जाओ विजयी होकर आना,
तिरंगे का सम्मान बढ़ाना।