STORYMIRROR

asha tewari

Drama

3  

asha tewari

Drama

फागुन आयो रे

फागुन आयो रे

1 min
332

चलो चलो रे चलो रे साथी

चलो चलो रे चलो सहेली

फागुन आयो रे फागुन आयो रे

हवा बड़ी मदमस्त चल रही


मन सुरभित है बयार चल रही

हुआ मदमस्त मन मगन

फागुन आयो रे

रंग ग़ुलाल की छटा अनोखी


भर पिचकारी करें ठिठोरी

भीगा आंचल भीगी सारी

फागुन आयो रे

देवर पीछे दौड़े भाभी


जीजा पीछे दौड़े साली

लगा के रंग मस्त मलंग

फागुन आयो रे


चलो चलो रे चलो रे साथी

चलो चलो रे चलो सहेली

फागुन आयो रे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama