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आनंद कुमार

Inspirational

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आनंद कुमार

Inspirational

पडूंगा सब पर रण में भारी

पडूंगा सब पर रण में भारी

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बेहतर ना हो शायद आज मेरी तैयारी,

फिर भी मैं पडूंगा सब पर रण में भारी।

हार जीत सब मेहनत का कर्मफल है,

परन्तु समर में लड़ना ही मेरा धर्म है।


हारा आज तो करूंगा कल की तैयारी,

और पडूंगा सब पर कल रण में भारी।

सांसें बोझिल हो या आंखें धूमिल हो या

प्राण प्रखेरु हो जाऐ पर,

हिचकूगा नहीं आगे बढ़ने से,

चाहे पर्वत ही क्यों ना आ के टकरा जाये।


माना की घनघोर काली घटा छाई,

हर तरफ वाणों की बर्षा लाई,

और तोपों से रणभूमि थराई,

तथापि भयभीत नहीं होना,

और आत्मसंतुलन नहीं खोना।


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p>नहीं लड़े आज,तो कैसे होगी कल की तैयारी ?

आयेगा क्षण बलिदान का तो,

बलिदान की वेदी पर चढ़ जाना,

किन्तु ना पीछे हटना और ना घबराना।


जो लड़ा इतिहास मे वो अमर हो गया,

और जो डरा वो खत्म हो गया।

महायुद्ध मे रखना स्वयम् पर विश्वास ,

यही करेगा विरोधियों पर प्राणघात।


धैर्य रखना है असफल होने के बाद,

यही है सफल होने की निशानी।

बेहतर ना हो शायद आज मेरी तैयारी,

फिर भी मैं पडूंगा रण में सब पर भारी।


          



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