STORYMIRROR

Amit Kumar

Inspirational

4  

Amit Kumar

Inspirational

कड़कती धूप भी होगी, कभी बरसात..

कड़कती धूप भी होगी, कभी बरसात..

1 min
465

कड़कती धूप भी होगी, कभी बरसात भी होगी,

तुम्हारी ज़िंदगी की राह यूँ, आसान न होगी।

कभी जो लोग तुमको देख कर यूँ हंस पड़े तो फिर,

समझ लो ज़िन्दगी जो "हार" देगी वो तेरी होगी।


हज़ारों ख्वाहिशें लेकर चले हो धूप में तुम जब,

तुम्हारी राह में वर्चस्व का कुछ यूं निशा होगा।

तुम जिस दिन जीत कर निकलोगे, तो कुछ यूं समा होगा

हज़ारों मंजिलें होंगी, हज़ारों कारवां होगा।


कभी गिरते, संभलते हो, तनिक भी उफ नहीं करते

तुम्हारे दर्द की क्या बात है, तुम उफ नहीं करते।

तुम्हारे हौसलों की जीत भी कुछ इस क़दर होगी

जो कि थी चाह तुमने, अब वही अंजाम में होगी।


कभी दरिया बने हो तुम, कभी सागर बने हो तुम,

न जाने लक्ष्य की ख़ातिर, हमेशा क्या बने हो तुम।

कभी खोये, कभी पाये, समझ मे कुछ नहीं आता,

अभी इन उलझनों की शाम की भी रात तो होगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational