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Pawanesh Thakurathi

Inspirational

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Pawanesh Thakurathi

Inspirational

पढ़ाई करती बच्ची

पढ़ाई करती बच्ची

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किसको नहीं लगती अच्छी

पढ़ाई करती बच्ची। 

पर क्या मैं पढ़ पाऊंगी

आगे बढ़ पाऊंगी ? 


मैं छोटी हूँ कद की

पर हौसले ऊंचे हैं। 

मेहनत के दम पर छोटे भी

आसमां पर पहुँचे हैं। 


मैं नित पढ़ूंगी, नित लिखूंगी

बैठी ना खाली, कभी दिखूंगी। 

जाऊंगी नित विद्यालय

अब वही मेरा शिवालय। 


किसको नहीं लगती अच्छी

पढ़ाई करती बच्ची। 

पर क्या मैं पढ़ पाऊंगी

आगे बढ़ पाऊंगी ? 


मैं काली हूँ दिखने की

पर इरादे हैं गोरे। 

कर्म के कारण टूटे

असमानता के डोरे। 


मैं नित पढ़ूंगी, नित लिखूंगी

बैठी ना खाली, कभी दिखूंगी। 

जाऊंगी वाचनालय

अब वही मेरा क्रीड़ालय। 


किसको नहीं लगती अच्छी

पढ़ाई करती बच्ची। 

पर क्या मैं पढ़ पाऊंगी

आगे बढ़ पाऊंगी ? 


मैं अकेली हूँ घर पर

फिर भी रहती हूँ मुस्काती। 

किताबें मेरी सहेली

लेखनी है साथी। 


मैं नित पढ़ूगी, नित लिखूंगी

बैठी ना खाली, कभी दिखूंगी

जाऊंगी पुस्तकालय

अब वही मेरा घर-आलय। 


सबको अच्छी लगती

पढ़ाई करती बच्ची। 

हाँ-हाँ मैं पढ़ पाऊंगी

हाँ आगे बढ़ पाऊंगी।


कल्पना दीदी के जैसे

अंतरिक्ष में जाऊंगी

मुझे यकीं है अच्छे-से

जीवन में रंग भर पाऊंगी।


भारत माँ का नाम रोशन

हाँ, जरूर मैं कर पाऊंगी।


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