पढ़ना- लिखना बहुत जरूरी है
पढ़ना- लिखना बहुत जरूरी है
कंधों पर जिम्मेदारियाँ बहुत है, पढ़ना फिर भी जरूरी है
काम-काज में उलझे रहो न, आगे बढ़ना जरूरी है।
अनपढ़, गँवार को पूछे कोई न, स्वाभिमान से रहना जरूरी है
ज्ञान के संग हमे मान मिलेगा, बात को समझना जरूरी है।
इच्छा, तमन्ना, हसरतों के संग, पूरे अरमानों को करना जरूरी है
बंदिशे चाहे लगे हजारों, पढ़ना-लिखना बहुत जरूरी है।
किसी से अपनी तुलना कभी न, पर खुद से लड़ना जरूरी है
अपनी खामियाँ जान सकों, इसलिए पढ़ना बहुत जरूरी है।
अज्ञानता का तम मिटाने, शिक्षा की जोत जरूरी है
ज्ञान का प्रकाश फैले जग में, पढ़ना-लिखना बहुत जरूरी है।
पढ़ न सकें जो कारणवश कभी, बताएँगे, पढ़ना क्यूँ इतना जरूरी है
सही-गलत में भेद बताते, इसलिए पढ़ना जरूरी है।
राह कठिन पर आज सरल है, मेहनत करना जरूरी है
आलस छोड़ो, बहाने त्यागो, शिक्षित होना जरूरी है,
क्योंकि पढ़ना-लिखना बहुत जरूरी है।
