पैसे कमाए
पैसे कमाए
पैसे कमाए लाखों लाख
जिंदगी अपनी को बना दिया राख
बनाते गये दिन रात अपनी साख
जिंदगी में थी खुशियां भी साथ
पर हमने छोड़ सबका साथ
पैसे की जरूरत से कब पैसा बन गया खुराक़
सच कहता हूं पता न चला
कब आया और कब चल दिया
गर्भ से जन्मा और ताबूत में समां गया।