जान न्योछावर को हैं तैयार, हम और हमारे जवान सभी। जान न्योछावर को हैं तैयार, हम और हमारे जवान सभी।
आज खुद ताबूत में, कंधों पे चढ़ आए हो क्यों ? आज खुद ताबूत में, कंधों पे चढ़ आए हो क्यों ?
बनाते गये दिन रात अपनी साख जिंदगी में थी खुशियां भी साथ बनाते गये दिन रात अपनी साख जिंदगी में थी खुशियां भी साथ
काश कहीं मिल जाए ऐसा एक ताबूत.... जिसमें मैं दफन कर पाऊँ दुनिया के सारे झूठ।। काश कहीं मिल जाए ऐसा एक ताबूत.... जिसमें मैं दफन कर पाऊँ दुनिया के ...
जेठ की गर्मी में पत्तों की ओट से झाँकती, चटक धूप की एक महीन पर तीक्ष्ण रेखा। जेठ की गर्मी में पत्तों की ओट से झाँकती, चटक धूप की एक महीन पर तीक्ष्ण रेखा।
मुझ पर इल्जाम लगाते हैं कि तुमने ही हमारी हत्या की है मुझ पर इल्जाम लगाते हैं कि तुमने ही हमारी हत्या की है