जान न्योछावर को हैं तैयार, हम और हमारे जवान सभी। जान न्योछावर को हैं तैयार, हम और हमारे जवान सभी।
बांटने के लिए कभी सरहदें होती थी, सीने में खिंची ये लकीरें खुदगर्ज़ी की है। बांटने के लिए कभी सरहदें होती थी, सीने में खिंची ये लकीरें खुदगर्ज़ी की है।
यूँ ही नहीं बदलती सरहदें, सिर्फ रंगों के बदलने से, तुम्हारी और हमारी किताबों के। यूँ ही नहीं बदलती सरहदें, सिर्फ रंगों के बदलने से, तुम्हारी और हमारी किताबों क...
गुलाबी पंख की परवाज़ तारी गुलाबी पंख की परवाज़ तारी
सूनापन यहाँ भी है ,सूनापन वहाँ भी है। सूनापन यहाँ भी है ,सूनापन वहाँ भी है।
इंकलाब की आवाज से थरथराता जहान है। इंकलाब की आवाज से थरथराता जहान है।