पावन प्रीत
पावन प्रीत
प्रीत पावनी ले रही
आज नया आकार
युगल रूप में हम करें
सब सपने साकार।
चंदा-तारे,चाँदनी
देखो साक्षी मीत
मंद पवन भी गा रही
सुंदर मंगल गीत
देवों के हम पर हुए
आज बड़े उपकार
युगल रूप में हम करें
सब सपने साकार।
सप्तपदी की रीति ये,
जन्मों का है साथ
कदमों से मिलते कदम
और हाथ में हाथ।
जीवन भर होती रहे
प्रेम भरी झनकार।
युगल रूप में हम करें
सब सपने साकार।
तुम मेरी धड़कन बनो,
जीवन का संगीत
सुख-दुख की आए घड़ी,
मिले सदा ही जीत
आओ मिलकर हम करें
जीवन का श्रृंगार।
युगल रूप में हम करें
सब सपने साकार।

