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Rekha Bora

Drama

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Rekha Bora

Drama

पाती माँ के नाम

पाती माँ के नाम

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मुझे याद है..मैं गहन अंधकार में

आँखें बंद करके सोयी थी..

कोई मुझे प्यार से सहला रहा था

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


जब मैं उस अंधेरे से बाहर

आने की जद्दोजहद कर रही थी

तब कोई मुझे दिलासा दे रहा था

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


बहुत तकलीफ़ों के बाद जब मैंने

बाहर की दुनिया में क़दम रखा

सामने एक मुस्कुराता हुआ

चेहरा नज़र आया

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


धीरे-धीरे तेज़ होती रोशनी से

धबरा कर जब मैं रोने लगी

कोई मुझे सीने से लगा कर

लोरियां सुनाती रहा था

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


जब भी बीमारियों ने मुझे घेरा

सारी रात जागकर

जो मेरे सिरहाने बैठी रही

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


जीवन के झंझावातों में फंसकर

जब भी मैं घबरा जाती थी

जिसका साथ हर पल

मुझे हौसला देता

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


जिसने मुझे चुनौतियों का

सामना करना सिखाया

चट्टान बन कर जो मेरे

पीछे अडिग रहा

वो तुम्हीं तो थी माँ ..


आज तुम नहीं हो माँ

मैं अपनी यह पाती तुम्हें कैसे भेजूँ

कैसे बताऊँ माँ कि तुम्हारे बिना मैं

कितनी अकेली हो गयी हूँ

पर माँ.. तुम्हारे आशीर्वाद का ताबीज़


जब तक मेरी बाँह पर बँधा है

मुझे दुःख छू तक नहीं सकता

माँ तुम्हीं तो मेरा पहला प्यार हो...

पर तुम मुझे छोड़कर कहाँ चली गयी हो।


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