पारण
पारण


हमारे व्रत व त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान
प्राचीन काल से हैं बढ़ाते हमारा मान।
हमारी आस्था व विश्वास के परिचायक
व्रत संबंधित कृत्यों का होता विशिष्ट स्थान।
व्रत के दूजे दिन ठीक से न करें यदि पारण
पूरा नहीं मिलता फल लो सभी जान।
कब शुरू, कब समाप्त, कैसे होगा पारण
जान लो व्रत रखने से पूर्व सारा विधि-विधान।
न मैं ज्ञानी, न मैं ध्यानी, जानूँ एक ही बात
विधि विधान बिन अधूरा व्रत का काज ।
पहले करो देव पूजन, फिर ब्राह्मण भोज
उसके वाद खुद करो पारण यही मंगल काज।
समय बदला, धर्म कर्म में आया बदलाव
विधि से करें पारण रखो याद यह बात ।
सही ढंग से न किया भोजन/ पारण
विफल हो जाता व्रत का सुफल काम।