पानी
पानी
पानी देखो है अनमोल
इसको खर्चो नाप तौल
यदि धरा पर न पानी होगा
सारा जग ये बेमानी होगा
बिन पानी के वृक्ष न होंगे
वृक्ष बिन हम कैसे जिएंगे
सोचो एक पल ये करो विचार
प्रदूषण का न हो अत्याचार
हम खुद ही अपनी खाई खोद रहे है
पानी से अब दूर हो रहे है
अब हमको कुछ करना होगा
पानी को संरक्षित करना होगा
बिन पानी के धरा जाएगी सूख
कैसे मिटेंगी हम सबकी भूख
अब पानी का प्रयोग कम करो
बेवजह पानी न बर्बाद करो
बात यही हमें समझनी है
अब धरा की रक्षा करनी है।