पाकीज़ा इश्क़।
पाकीज़ा इश्क़।
यारों काश पाकीज़ा इश्क़ होता मेरा,
यारों काश इश्क़ मुकम्मल होता मेरा।
काश पहलू में पल व्यतीत होता मेरा,
काश रब की दुआ से पाता प्यार मेरा।
बहुत ही बुरे कर्म पिछले जन्म के मेरे,
प्यार का तब निरादर ऐसे कर्म थे मेरे।
जो भी किया उनसे किया दिल ने मेरे,
पाक-साफ़ प्यार किया है दिल ने मेरे।
इंसान प्यार में धोखा कर सकते सत्य,
पुस्तकों से प्यार कर सकते यह सत्य।
पुस्तकें हमारी सच्ची साथी सदा होती,
पुस्तकों से दोस्ती कर सकते है सच्चा।
