ओनलाईन हो गया ज़माना
ओनलाईन हो गया ज़माना
कहीं नही अब आना जाना,
ओनलाईन हो गया ज़माना ।
कागज़ कलम पुरानी बाते
बन्द हुए अब चिट्ठी खत,
अपनो से बतियाने की
नहीं किसी को अब फ़ुरसत ।
मन की बाते करनी हो तो
जरा स्काईप पर आ जाना,
कहीं नही अब आना जाना
ओनलाईन हो गया ज़माना ।
नहीं सुबह की चहल पहल
नहीं शाम हंगामो वाली,
चारो और वीराना लगता
गली मुहल्ले लगते खाली ।
यार-दोस्त सब व्हाट्स-अप्प पर
फ़ेसबुक पर दादा नाना,
कहीं नही अब आना जाना
ओनलाईन हो गया ज़माना ।
मोबाईल के आ जाने से
खत्म हुई अब दूरी सारी
काम करे सब चुटकी में
इन्टरनेट की महिमा भारी ।
लेन देन आसान हो गया
घर बैठे ही सब मंगवाना,
कहीं नही अब आना जाना
ओनलाईन हो गया ज़माना ।
