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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

ओ साथी मेरे।

ओ साथी मेरे।

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ओ साथी मेरे अगर तुमको मुझ पर है विश्वास, 

तो बनाईये ज़ल्दी जी मेरी मम्मी जी को सास। 


तुम्हारे बिना एक पल भी रहना हुआ मुश्किल

सुनो आज भी तुम्हारेे बिना रहना है मुश्किल। 


जब-जब तुम थी पास-पास ही बिल्कुल मेरे,

तब तुम्हारे प्यार को महसूस नहीं किया मैंने।


अब जब तुम मुझसे रूठकर दूर चली गई हो,

कसम से मुझको तुम्हारी ज़रूरत महसूस हुई। 


जानेमन कसम प्यार की जल्दी से आ जाओ न,

आकर मेरी सीने से लगकर बाहों में समाओ न।


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