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Subhalaxmi Nayak

Drama

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Subhalaxmi Nayak

Drama

ओ कान्हा !

ओ कान्हा !

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ना हूं मैं मीरा, ना हूं मैं राधा

तेरे नाम की माला मेरी

सांसों में कुछ इस तरह है बसाया।


लगे संसार भी आज मोहमाया,

ओ कान्हा ! आओगे ना मेरे आंगन में,

आज मन से दीपक है जलाया।


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