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Subhalaxmi Das

Inspirational

4.6  

Subhalaxmi Das

Inspirational

तन्हाई

तन्हाई

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खुशहाली की उम्र ज़िंदगी में कम रहने से

उसी कमी को पूरी करने की कोशिश से

दूरियाँ बढ़ने लगती है...


जाहिर सी बात है

एक कमी सी रहती है

जब अपने ही बहुत प्यार से

दिल पे वार किया करते हैं....


जब रात की ठंडी हवा किसी बेघर को

सरे आम नंगा करके

दिल पे वार किया करती है.....


जब कोई भूखा नसीब को कोसते हुए

जूठा खाना बड़े प्यार से उठाता है

तो उसे देख

दिल पे वार हो ही जाता है ....


तब इंसानियत की छाँव तले......

महक उठती है तन्हाई ........


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