नज़र...
नज़र...
कभी अपने दिल के झरोखों से
अपने अंदर झांककर देखना...
शायद किसी कोने में बसी हुई
धड़कनों की सदा मिलेगी !
उस पल का एहसास
तुम्हें ज़रूर होगा,
जिस पल की बेशक़ीमती मौकों पर
तुम बेझिझक कह पाओगे,
"हाँ, मैं ज़िंदा हूँ !!!"
तुम कोई बहाना ही लेना,
मगर एक नज़र अपने दिल पे भी देना...!