नववर्ष
नववर्ष
ऐ जाने वाले साल
तू बीत रहा है
हां रीत रहा है
मगर ठहर जरा
तू यूं ना जा
अपनी झोली निकाल
और देख संभाल
कहीं कोने में होंगे
मेरे टूटे स्वप्नों के टुकड़े
मेरी बिखरी हुई उम्मीद
मेरी खोई मुस्कराहट
मेरे हौसलों की आहट
सब वापस कर जा
मेरी झोली भर जा
तुझे जाना है तो जा
ताकि कर सकूं स्वागत
नववर्ष का मैं
नई उम्मीद
नये सपनों और
नई मुस्कराहटों के साथ......
