नुक्कड़ वाले दोस्त
नुक्कड़ वाले दोस्त
चार दोस्त खूब हिल मिलकर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
मित्र यदि नहीं आता तो ,
उसकी राह निहारा करते।
बातें करते अभिलाषाओं की,
संवेदनाएं बहुत जताया करते।
चार दोस्त खूब हिल मिल कर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
शंका का हल समाधान है,
एक दूजे को समझाया करते।
समाज में जो पुष्प खिले है, वह,
विद्यालयों को सराहा करते।
चार दोस्त खूब हिल मिल कर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
कभी चिप्स और कभी सिंघाड़ा,
मिलकर वह खाया करते।
इस चौकड़ी को हमेशा
लोग बहुत सराहा करते।
चार दोस्त खूब हिल मिलकर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
धर्म कर्म की बातें करते,
ग्रंथ, ग्रंथिका का अध्ययन करते।
शिक्षक, गुरू का सम्मान करेंगे,
एक दूजे को समझाया करते।
चार दोस्त खूब हिल मिल कर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
छल कपट से दूर वह रहते,
परोपकार के मार्ग पर चलते।
शिष्टाचार का ध्यान वह रखते,
स्नेह सभी को सिखाया करते।
चार दोस्त खूब हिल मिल कर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
मन की बात बताकर,
महफ़िल खूब जमाया करते।
प्रगति करें हम जीवन में,
ऐसी व्यवस्था बनाया करते।
चार दोस्त खूब हिल मिल कर,
नुक्कड़ पर बैठा करते।
