नशा
नशा
नशा नाश की जड़ है भाई
सेवन इसका बड़ा दुखदाई
जिसने इसकी लत लगाई
सुख-शांति घर की मिटाई।
तन-मन-धन सब दिया गंवाई
किसी की न की इसने भलाई
नशा नाश की जड़ है भाई
सेवन इसका बड़ा दुखदाई।
नशे से जिसने प्रीत लगाई
अपनी अहमियत आप घटाई
खुशियों में अपने आग लगाई
नशा नाश की जड़ है भाई।
धन-दौलत सब दिया लुटाई
गृहस्थी अपनी खुद मिटाई
गली-गली हुई खूब हंसाई
नशा नाश की जड़ है भाई।
