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Indu Barot

Inspirational

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Indu Barot

Inspirational

नर्स

नर्स

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तुम नर्स हो, उपचारिका हो या

ईश्वर का भेजा कोई दूत हो।

कभी ममता भरा स्पर्श देकर

दर्द को भगाती हो।

कभी डाँट फटकार से

अनुदेश को तुम सुनाती हो।

बन जोकर कैसे तुम रोगी को

हँसा जाती हो।


कड़वी दवाई का तो पूछो ही मत,

इक प्यारी सी डाँट के साथ मुँह में

गटका जाती हो।

बातों ही बातों में इंजेक्शन भी तो

तुम कितनी जल्दी लगाती हो।

समय समय पर बी पी और

टेमप्रेचर भी तो दिखाती हो।

धन्य हो तुम जो ये सब कुछ

बड़ी निष्ठा से कर जाती हो।


तुम नर्स हो, उपचारिका हो या

ईश्वर का भेजा हुआ कोई दूत हो।

कुछ रोगी देते हैं श्राप तो कुछ से

आशीर्वाद तुम पाती हो।

कभी खुशी तो कभी उदासी के

क्षण तुम ही बिताती हो।

कैसे नित नये हादसों से रोज तुम

लड़ जाती हो।

पल भर में नवजात शिशु की

किलकारी सुनाती हो।


क्षण में ही शोक, मातम को देख जाती हो।

अकस्मात बदलती स्थिति को

कैसे निष्ठा से तुम निभा जाती हो ।

ना हारती हो ना तुम थकती हो,

कैसे करूणा समर्पण,

धैर्य और प्रेम को तुम पाती हो।

हॉं तुम ईश्वर का भेजा हुआ दूत ही हो 

जो उपचारिका बन मानव कल्याण में

कर्तव्य का चरमोत्कर्ष दिखाती हो।


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