STORYMIRROR

Dr.Purnima Rai

Inspirational

3  

Dr.Purnima Rai

Inspirational

नर्स

नर्स

1 min
4.1K


वो है एक परिचारिका

पर सखी की तरह

रखती थी सबका ख्याल !


जानते थे लोग उसको

असली नाम से नहीं

बल्कि उसके सेवा भाव से !


उसके दिल की गहराइयों में

भरा था अपनापन,

ममत्व और करूणा !


उन मरीजों के लिए

जो अपने जीवन की डोर

छोड़ देते थे उसके सहारे !


खुद के दर्द से बेखबर

अधरों पर हँसी सजाए

मासूम दिलों पर करती थी राज !


कितने लोग कितने कष्ट

असहनीय पीड़ा को

सहती थी हर प

ल !


अपनों को खोजती हुई

सूनी निगाहें निस्वार्थ

बाँटती रही प्रेम व दया !


कभी ये नर्स माँ सी लगती

तो कभी अनजान राहों का राही

और कभी महादेवी का गिल्लू !


जिसके कोमल स्पर्श की छुअन

बेजान में भी डाल देती थी जान !


तप त्याग का व्रत धारण

करने वाली एकाकी जीवन में

बिखेरती रही फूलों की सुगंध !


काश ! लौट आए फिर

मदर टैरेसा जैसी सेवा-भावना

संजोने वाली महान आत्मा वाली नर्स !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational