नर्गिस
नर्गिस
( 01
वोह नर्गिस ए फ़ुसूँ , फ़ुसूँकार है साक़ी
यह इश्क़ ए जुनूँ , दीवानावार है साक़ी
फ़ुसूँकार ( जादूगर )
( 02 )
बज़्म ए अंजुमन में , वोह माह ए रश्क
वो रौनक ए कूचा ओ बाज़ार है साक़ी
( 03 )
गुल बु, गुल बदन, गूंचा ए लब ए दहन
वहीं गुल ए गुलशन वहीं गुलज़ार है साक़ी
गूंचा ए लब ए दहन ( छोटे फूल सा लब )
( 04 )
आतिश ए हुस्न में जलता रहा दिल हसन
वोह हुस्न ए संग ए बुता शफ़क़ज़ार है साक़ी
हुस्न ए संग ए बुता ( हसीन पत्थर की मूरत )
शफ़क़ज़ार ( जवानी से भरपूर )
( 05 )
बेचते क्या हो दिल ए नादा को तुम हसन
वहीं करार ए दिल वहीं खरीदार है साक़ी