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Prashant Kadam

Romance

5.0  

Prashant Kadam

Romance

नफरत

नफरत

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करते रहे तुम हमसे नफरत 

और हो गया अचरज

दूर तो हम हो न सके

बस और पास हो गये


करते रहे हम प्यार तुम्हें

पूरे दिलो जान से 

भूला तो नहीं पा सके

बस और करीब आ गये


करते रहे तुम हमसे नफरत 

और हो गया अचरज

दूर तो हम हो न सके

बस और पास हो गये


कहती रही दुनिया हमें

बस पागल और दीवाना

पर अन्जाम यहां उलटा हुआ

तुम मेरे ही हुये दीवाने


करते रहे तुम हमसे नफरत 

और हो गया अचरज

दूर तो हम हो न सके

बस और पास हो गये


पूजते रहे हम सदा तुम्हें

मोहब्बत का ख़ुदा समझकर

मन्नत पुरी हो गयी 

है उसी का यह असर 


करते रहे तुम हमसे नफरत 

और हो गया अचरज

दूर तो हम हो न सके

बस और पास हो गये



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