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Prashant Kadam

Abstract

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Prashant Kadam

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आया आया वसंत आया !

आया आया वसंत आया !

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आया आया वसंत आया

ऋतुओं का राजा खिल कर आया

मौसम सुहाना बनाकर छाया

जाड़ों की बौछारे धुंधली कर लाया 

आया आया वसंत आया !


सरसों की पीली बहार ले आया

पत्तों पत्तोंपर नयी उमंग ले आया

रंग बिरंगी फूलों की फुहार ले छाया 

पक्षिओं की कलकल झंकार भी लाया

आया आया वसंत आया !


सूरज की सुहानी किरणें ले आया

तालाबो में कमल खिला कर आया

कमल पत्तों से पानी को छिपाकर छाया

मानो दुख दर्द मिटाकर सूख को लाया

आया आया वसंत आया !


आसमान में तरोताजा हवा ले आया

तितलियों को फूलों से मिलाते आया

किसानों के दिलों में खुशी भर कर छाया

कवियों के मन में नयी कल्पनायें लाया

आया आया वसंत आया !


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