STORYMIRROR

अजय एहसास

Tragedy

2  

अजय एहसास

Tragedy

नोटबन्दी कै मार।।

नोटबन्दी कै मार।।

2 mins
323

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा

मेहरि भई बेहोश धरे है नोट हज़ारा झोला मा।

बन्द कर दिहा नोट ए भाई,

कहला काला धन पकड़ाई,

मंद भइल मंगरू कै दुकनिया

बंद होइ गइल दाना पनिया,

असर भइल अइसन की जइसे फसल परि गइल ओला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


सुबह सबेरे बैंक मा जावैं,

भीड़ मा लाइन मा लगि जावैं,

सुति उठि बैंक का चक्कर काटैं,

बड़े लोग का भितरी से बाटैं,

बैंको मा ता चोर भरल हैं अधिकारी के चोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


मंत्री नेता कोउ ना लागै,

बारह बजे सोइ कै जागै,

इनकर पइसा का होइगै सब

इनसे हिसाब कोइ ना मांगै,

इनकर पइसा भा सफेद बा अठरह बीस के तोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


काम छोड़ लाइन मा लागी,

सब्जी ताइ उधारी मांगी,

घुरहू कहैं कि सुनो हमार,

मंदा सब्जी कै व्यापार,

पानी जस सब्जी खात रहा जे मिला मजा अब छोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


मजदूरन के पइसा का कुछ काला धनवा बोलेला,

मंत्रीजी अपने रुपिया का गीने नाही तोलेला,

लाइन मा लागल रहैले देही पर नाही एगो सूत,

देख भयानक ठंडी मा घेरि लिहन आके यमदूत,

खटमल खातिर खटिया जरिगै बीता रात खटोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


जब काउन्टर के पास गइल,

मिलि जाई पइसा आस भइल,

जब कुल ही बिपतिया झेलि गयन,

पइसा नाहीं बा बोलि गयन,

बुधई कै खाली हाथ भइल जस फर ना लगै अमोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


अठवें दिन मन मा खुशी भइल,

जब दुइ हजार जेबी मा गइल,

पूरा बजार हम घूमि आयन,

पर छुट्टा ओकर ना पायन,

छुट्टा बिन नाही दवा मिले ना नूरामेन्ट फफोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।


ई दुइ हजार कै नोट दिहे

का कालाबाजारी रुकि जाई

जब एक हजार मा वतना दम

अब दुइ हजार बा बड़ भाई

काला धन सबही पचि गइलेस पाइन शक्ती हजमोला मा

नोटबंदी कै मार पड़ी है आठ नबम्बर सोला मा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy