पढ़ाई
पढ़ाई
पहली क्लास में फर्स्ट जब आया, मैं था उनकी आँखों का तारा
10वीं में अच्छे मार्क्स ना ला पाया, तो बेल्ट से उन्होंने मुझको मारा
कैसे मैं ये उन्हें बताऊँ, पढ़ाई में उतना कर न पाऊँ
जितने की आपने उम्मीद लगाई, मेरे बस की नहीं है उतनी पढ़ाई
किसी और में मेरा मन है लगता, काश ये बात उनसे कह सकता
पढ़ई से हटकर कुछ करना चाहा, ज़िंदगी पे मेरी लगा दिया ताला
जब मुझसे नहीं हुआ और सहन, फ़ोटो पे मेरी चढ़ा दी माला।