STORYMIRROR

Vikki Rana

Tragedy Inspirational Thriller

4  

Vikki Rana

Tragedy Inspirational Thriller

PADHAI

PADHAI

1 min
273

पहली क्लास में 1st जब आया, मैं था उनकी आँखों का तारा 

10वीं में अच्छे मार्क्स ना लापाया, तो बेल्ट से उन्होंने मुझको मारा 

 

कैसे मैं ये उन्हें बताऊँ, पढ़ाई में उतना कर न पाऊँ  

जितने की आपने उम्मीद लगाई, मेरे बस की नहीं है उतनी पढ़ाई 

 

किसी और में मेरा मन है लगता, काश ये बात उनसे कह सकता  

पढ़ई से हटकर कुछ करना चाहा, ज़िंदगी पे मेरी लगा दिया ताला 

 

जब मुझसे नहीं हुआ और सहन, फ़ोटो पे मेरी चढ़ा दी माला।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy